वो देखो, इन्चार्ज साहिबा, बच्ची ने चित्र के नीचे ‘माँ’ लिखा है।” वो देखो, इन्चार्ज साहिबा, बच्ची ने चित्र के नीचे ‘माँ’ लिखा है।”
कौन कह सकता था कि यह अंशु बचपन में एक कॉकरोच से डर जाती थी। कौन कह सकता था कि यह अंशु बचपन में एक कॉकरोच से डर जाती थी।
सुगंधी ने भी बहुत कुछ सहा था पर अपने दुख को भूल कर वह शेखर को हौसला देती थी। सुगंधी ने भी बहुत कुछ सहा था पर अपने दुख को भूल कर वह शेखर को हौसला देती थी।
यह कहानी दो अज्ञात लोगों के बीच हुए मौन प्रेम के बारे में है जिसमें दोनों के बीच सिर्फ़ एक मुस्कान ... यह कहानी दो अज्ञात लोगों के बीच हुए मौन प्रेम के बारे में है जिसमें दोनों के बी...
मन में तरह-तरह के सवाल आने लगे और मासूम मन तलाक क्या है समझने लगे। मन में तरह-तरह के सवाल आने लगे और मासूम मन तलाक क्या है समझने लगे।
अंजान साहब अनमने मन से कहते हैं कि कह दो पापा घर पर नही हैं अंजान साहब अनमने मन से कहते हैं कि कह दो पापा घर पर नही हैं